भ्रष्टाचार पर तीर की भाँति,
अन्ना आँधी चल निकली है।भ्रष्टाचारियों!! सावधान अब,
जनता भी जगने चली है।
लोकपाल बिल हो मंजूर,
जनता की भी भागेदारी हो।
सख्त नियम और सख्त कदम हो,
भ्रष्टों की न साझेदारी हो।
हाथ से हाथ जुड़ते ही रहे,
देशहित में सब साथ हो चलें।
यह आँधी बस कामयाब हो,
हम अन्ना के हाथ बन चलें।
देशभक्ति के भाव को दिल में,
फिर से अब जगाना होगा।
गोरों को गाँधी ने खदेड़ा,
हमे अपनो को भगाना होगा।
अन्ना ने जो दी है ज्वाला,
इसे अग्नि बनाना होगा।
अन्ना के संग सर उठाकर,
भ्रटाचार जलाना होगा।
क्रांति की अगणित मशालें,
अब हमारे हाथ है अन्ना।
तुम अकेले नहीं हो यहाँ,
देश तुम्हारे साथ है अन्ना।
भारत माता की जय।
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2 comments:
बहुत सार्थक रचना..आज सभी को अन्ना का साथ देना होगा, वर्ना भ्रष्टाचार के चंगुल से हम कभी आज़ाद नहीं हो पायेंगे.
Dhanyawad kailash sharma ji..
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