*जिन्दगी की तनहाई में ,बेरुखी क्या चीज है *
*कभी हमसे दूर, तो कभी बिलकुल करीब है*
*न जाने जीवन का फलसफा है क्या *
*कभी देता गम कभी ख़ुशी का आलम*
*ये सोच कर बेरुखी चली जाती है*
*तनहाई खुशिओं की सौगात लाती है*
*जीवन का खेल है ये *
*कभी हमसे दूर, तो कभी बिलकुल करीब है*
*न जाने जीवन का फलसफा है क्या *
*कभी देता गम कभी ख़ुशी का आलम*
*ये सोच कर बेरुखी चली जाती है*
*तनहाई खुशिओं की सौगात लाती है*
*जीवन का खेल है ये *
4 comments:
सुंदर कविता बधाई
सुंदर कविता बधाई
सुंदर कविता ......
बेहतरीन शब्द
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