इश्क, मोहब्बत, प्यार, वफ़ा की कथा बड़ी अलबेली
ये दो दिलों की है अठखेली...ये दो दिलों की है अठखेली......
ये दो दिलों की है अठखेली...ये दो दिलों की है अठखेली......
घर, आँगन सब महक उठे जब गंध तुम्हारी आये
चाँद भी देख के तेरी अदा को शर्मा-शर्मा जाए
कदम पड़े जबसे तुम्हारे चमकी है दिल की हवेली
ये दो दिलों की है अठखेली...ये दो दिलों की है अठखेली......
चाँद भी देख के तेरी अदा को शर्मा-शर्मा जाए
कदम पड़े जबसे तुम्हारे चमकी है दिल की हवेली
ये दो दिलों की है अठखेली...ये दो दिलों की है अठखेली......
नैनो से नैना मिल जाये दिल को दिल से झांके
तनहा रहा यहाँ ना कोई सबकी है हेला हेली
ये दो दिलों की है अठखेली...ये दो दिलों की है अठखेली....
किसी को इश्क इबादत लगता कोई खेल समझाता
कोई मोहब्बत जुर्म है कहता कोई मौन हो जाता
समझ ना पाया खुदा भी इसको क्या है गजब पहेली
ये दो दिलों की है अठखेली...ये दो दिलों की है अठखेली.....
हर इन्सां इस दरिया में कश्ती अपनी तैराता
सब दुनिया को भूल के बस नज़रों में ही खो जाता
जो इस सागर में पड़ जाए उसका अल्लाबेली
ये दो दिलों की है अठखेली...ये दो दिलों की है अठखेली....
सब दुनिया को भूल के बस नज़रों में ही खो जाता
जो इस सागर में पड़ जाए उसका अल्लाबेली
ये दो दिलों की है अठखेली...ये दो दिलों की है अठखेली....
कुछ को तो पागल कर डाले कुछ को भव से तारे
कुछ के दिल में दर्द उभारे कुछ को खूब संवारे
कुछ को प्यार की दुनिया देता कुछ की जान लेली
कुछ के दिल में दर्द उभारे कुछ को खूब संवारे
कुछ को प्यार की दुनिया देता कुछ की जान लेली
ये दो दिलों की है अठखेली...ये दो दिलों की है अठखेली... - अर्पित
3 comments:
do dilo ki hai athkeli
bahut khub kaha
अनुपम प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार
बहुत अच्छी प्रेम कविता .. मन को भा गयी है .. आपने बहुत सुन्दर लिखा है ...
आभार
विजय
कृपया मेरी नयी कविता " फूल, चाय और बारिश " को पढकर अपनी बहुमूल्य राय दिजियेंगा . लिंक है : http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/07/blog-post_22.html
Post a Comment