बन गया है, वो
जिले का, एक बड़ा
सबसे बड़ा अफसर
बंगला है, गाडी है
वेतन - भत्ते
नौकर - चाकर हैं
और न जाने
क्या क्या नहीं होगा
पर, उसकी
एक पुरानी आदत
नहीं गई, मांगने की
जब भी
मांगना होता है, उसे
मुंह खोलकर, मांग लेता है !!
जिले का, एक बड़ा
सबसे बड़ा अफसर
बंगला है, गाडी है
वेतन - भत्ते
नौकर - चाकर हैं
और न जाने
क्या क्या नहीं होगा
पर, उसकी
एक पुरानी आदत
नहीं गई, मांगने की
जब भी
मांगना होता है, उसे
मुंह खोलकर, मांग लेता है !!
लेखक परिचय :-
श्याम कोरी ' उदय '
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