Tuesday, September 20, 2011

दो पल की खुशियाँ

खुशियों भरा जीवन अब मिलता है कहाँ,
चैन-सुकून हर पल अब रहता है कहाँ,
जीवन हर वक़्त लिए एक छड़ी होती है,
इसलिए दो पल की खुशियाँ भी बड़ी होती है |

संघर्ष ही जीवन का दूसरा नाम हो गया है,
कठिनाइयों का आना तो अब आम हो गया है,
किस्मत हर वक़्त मुह बाये खड़ी होती है,
इसलिए दो पल की खुशियाँ भी बड़ी होती है |

भागते ही हम रहते हैं श्वांस भी न लेते,
जीवन को सिद्दत से हम जी भी न लेते,
हम सबको हर वक़्त लगी हड़बड़ी होती होती है,
इसलिए दो पल की खुशियाँ भी बड़ी होती है |

कल क्या होगा किसी ने देखा भी नहीं,
निरंतर खुशियों की कोई रेखा भी नहीं,
जिंदगी भी तो बस घड़ी दो घड़ी होती है,
इसलिए दो पल की खुशियाँ भी बड़ी होती है |

1 comment:

Anonymous said...

bahut khoob likha
sach kaha khushiyo ko enjoy karna chahiye

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