Sunday, December 11, 2011

बाकि अभी नापना सारा आसमान है


१९ अन्य कवियों के साथ मेरा पहला काव्य संग्रह:
"टूटते सितारों की उड़ान"

अभी तो है ये पहली उड़ान,
बाकि अभी नापना सारा आसमान है;
दो पग ही पथ में बढ़ा हूँ अभी,
आगे तो अभी पुरा जहाँ है |

हृदय में है ख्वाहिश, मन है सुदृढ़,
हाथों की लकीरों में भी कुछ निशान है :
अभी तो है ये पहली उड़ान,
बाकि अभी नापना सारा आसमान है |

बड़ों का आशीष, अपनों का साथ,
लेकर चला, मुझे खुद पर गुमान है;
अभी तो है ये पहली उड़ान,
बाकि अभी नापना सारा आसमान है |

मित्रों की दुआ, ईश्वर की दया,
मिल जाए फिर सब आसान है;
अभी तो है ये पहली उड़ान,
बाकि अभी नापना सारा आसमान है |

हरेक पग रखना है बहुत संभल के,
उंचाई तक जाना सोपान दर सोपान है;
अभी तो है ये पहली उड़ान,
बाकि अभी नापना सारा आसमान है |

जमींदोज होंगी हर विषम परिस्थितियाँ,
साहित्य की दुनिया से ये पहला मिलान है;
अभी तो है ये पहली उड़ान,
बाकि अभी नापना सारा आसमान है |

3 comments:

vidya said...

बहुत सुन्दर कविता...
शुभकामनाये...आसमां तक पहुंचे आपकी ख्याति..

Mamta Bajpai said...

बहुत सुन्दर ..उड़न जारी रखिये

सफलता जरुर मिलेगी बधाई

कविता रावत said...

udan kabhi rukni nahi chahiye..tabhi jiwan ki nirantarta hai..
sundar prastuti

LinkWithin

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...