पिछले कुछ समय से काफी जोर - शोर हो - हल्ला मचाया जा रहा है कि "लोकपाल विधेयक लाओ - भ्रष्टाचार मिटाओ"............"नहीं रहेगा नामोनिशान भ्रष्टाचार का".......तो भाई अब मैं पूछता हूँ कि खाने का काम है क्या??? लाख़ों सालों से चली आ रही.........हमारे देश के कण - कण में व्याप्त भ्रष्टाचार कि परम्परा को कुछ महीनों या सालों में हटा दोगे क्या........??? अरे हजारों साल पहले चार्वाक ऋषि ने जीने के लिए एक मन्त्र बतलाया था कि "यावत जीवेत सुखं जीवेत, ऋणं कृत्वा घृतं पिवेत".........अर्थात जब तक जियो सुख से जियो, कर्ज लेना पड़े तो लो पर घी पियो.........और हममे से तमाम लोग आज तक इसी मन्त्र पर अमल कर रहे हैं......जैसे कि कोशिश रहती है कि बस - ट्रेन में टिकट न लेना पड़े.........लाइन में न लगना पड़े.......स्कूल में अध्यापक को कैसे भी खुश करके परीक्षा में अच्छे अंक लाये जांय......ले - दे के सरकारी नौकरी पा ली जाय......ताकि ऊपरी आमदनी का मजा लिया जा सके.......राशन कार्ड - ड्राइविंग लाइसेंस हर काम ले दे के करवाने का जुगाड़ी आयडिया........सब भ्रष्टाचार के ही अलग -अलग रूप हैं............कहाँ - कहाँ मिटाओगे ??? कहाँ - कहाँ लोकपाल बिठाओगे ??? और लोकपाल क्या आसमान से आयेंगे क्या??? उनके बंगला - गाडी - विदेश यात्रा के सपने नहीं होंगे क्या ??? उन्हें अपने बच्चे को विदेश नहीं पढाना होगा क्या ??? पढ़ाई के बाद उसका कैरियर नहीं बनाना ?? उन्हें अपनी बेटी की शादी किसी अमीर घर में नहीं करना क्या ??? और एक बात , मान लीजिये कि 100 में 10 भ्रष्ट नहीं भी हुए तो क्या बना - बिगाड़ लेंगे......हमारे कलमाड़ी, राजा, सुखराम, कनिमोझी, यदुरप्पा, लालू और नीरा राडिया जैसे महारथी अपने खून - पसीने से लगातार सींच रहे हैं भ्रष्टाचार के वृक्ष को.......ऐसे कैसे सूख जाएगा.......??? अरे लोकपाल विधेयक अगर लागू हो भी गया तो क्या हो जाएगा.........जहां - जहां दिक्कत होगी संशोधन कर लिया जाएगा.......जितने लोकपाल पटते हैं पता लिया जाएगा.........वर्ना रास्ते से हटा दिया जाएगा.........सीबीआई - इनकम टैक्स वालों को पीछे ला दिया जाएगा.......इधर - उधर फंसा दिया जाएगा.......उनको उनकी औकात बता दिया जाएगा........यानी कि भ्रष्टाचार था - है - और रहेगा..........तो इसी बात पर बोलो प्रेम से............भ्रष्टाचार की जय !!!!
3 comments:
सुन्दर विश्लेषण..
बताने लायक सारी बातें तो आपने बता ही दिया .. जय हो !
sahi kaha sir ...actually ye brashatachar agar mitega to tab jab hum chahenge varna nahi mitega
Post a Comment