मित्रों,
ये अत्यंत हर्ष एवं गर्व की घडी है..........आइये हम सब मिलकर जश्न मनाएं.........क्योंकि एक ही झटके में हमारी सारी समस्याएं ख़त्म हो गयी हैं.......अब हममे से किसी को काम करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी........भुखमरी से अब कोई नहीं मरेगा.........हर कोई शिक्षित होगा..........सबको रोज़गार मिलेगा........महंगाई अब नहीं सताएगी........भ्रष्टाचार और घोटाले अब नहीं होंगे........किसी भी बीमारी से अब कोई नहीं मरेगा........धर्म व जाति के नाम पर अब कभी दंगे नहीं होंगे............हा हा हा हा हा हा हा..........अब आप लोग सोच रहे होंगे कि ऐसा क्या चमत्कार हो गया............तो जान लीजिये चमत्कार ही हुआ है............अपने लाडले सचिन ने सौवां शतक लगा कर वो काम कर दिखाया है जो पूरे इतिहास में आज तक कोई नहीं कर सका है..........है न गर्व की बात ?!!!!..........अरे इसके लिए तो सचिन को भारत रत्न नहीं बल्कि ब्रह्माण्ड रत्न दिया जाना चाहिए............क्योंकि उनके इस महान कार्य से समस्त मानव जाति का सिर गर्व से ऊंचा हो गया है........इससे समस्त प्राणियों का कल्याण होगा.........अब लोग पूछेंगे 'वो कैसे'.........तो भई अभी जश्न की घडी है जश्न मनाते हैं........."क्या - क्यों - कैसे".........इस पर बाद में सोचेंगे............जय हिंद !!!
ये अत्यंत हर्ष एवं गर्व की घडी है..........आइये हम सब मिलकर जश्न मनाएं.........क्योंकि एक ही झटके में हमारी सारी समस्याएं ख़त्म हो गयी हैं.......अब हममे से किसी को काम करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी........भुखमरी से अब कोई नहीं मरेगा.........हर कोई शिक्षित होगा..........सबको रोज़गार मिलेगा........महंगाई अब नहीं सताएगी........भ्रष्टाचार और घोटाले अब नहीं होंगे........किसी भी बीमारी से अब कोई नहीं मरेगा........धर्म व जाति के नाम पर अब कभी दंगे नहीं होंगे............हा हा हा हा हा हा हा..........अब आप लोग सोच रहे होंगे कि ऐसा क्या चमत्कार हो गया............तो जान लीजिये चमत्कार ही हुआ है............अपने लाडले सचिन ने सौवां शतक लगा कर वो काम कर दिखाया है जो पूरे इतिहास में आज तक कोई नहीं कर सका है..........है न गर्व की बात ?!!!!..........अरे इसके लिए तो सचिन को भारत रत्न नहीं बल्कि ब्रह्माण्ड रत्न दिया जाना चाहिए............क्योंकि उनके इस महान कार्य से समस्त मानव जाति का सिर गर्व से ऊंचा हो गया है........इससे समस्त प्राणियों का कल्याण होगा.........अब लोग पूछेंगे 'वो कैसे'.........तो भई अभी जश्न की घडी है जश्न मनाते हैं........."क्या - क्यों - कैसे".........इस पर बाद में सोचेंगे............जय हिंद !!!
2 comments:
खुश होने के लिए हमारे पास और क्या है ?
जो है, उसी में प्रसन्न हो लेते हैं।
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