Monday, June 18, 2012

किसी की आहटों का अहसास

बुझा हुआ सा चेहरा
मुरझाये से हालात
कहा करते हैं अक्सर
कि इंतज़ार रहेगा तुम्हारा
चाँद के ढलने से
चाँद के उगने तक..

महसूस करती हूँ
कभी वो आहटें और
कभी कोई आवाज़ जो मेरा
नाम ले पुकारती हैं मुझे
और कहती हैं कि ये
नाम रहेगा सदा
मेरे साथ भी
मेरे बाद भी..

निश्छल मन में
कई संवेदनाएँ होती है
जो गहराती हैं अक्सर
और बारिश की बूँदों में
बह भी जाती हैं ये
भावनाओं को भी बहाती हैं
और कहती हैं..
ये भावनाएँ रहेगी मेरी
तेरी सांसों के मेरी
सांसों से मिलने तक ।
© दीप्ति शर्मा

1 comment:

Yashwant R. B. Mathur said...

बहुत ही बढ़िया।


सादर

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