अच्छा लगता है जब कहीं से
लौटने पर पता चलता है कि
कुछ लोग हैं जो आपके बिना
उदास थे - परेशान थे - बेहाल थे,
ठीक उसीतरह जिस तरह कि आप
मजबूर थे - लाचार थे - असहाय थे....
अच्छा लगता है जब कुछ लोग
हो जाते हैं बहुत खुश आपको पाकर
ठीक उसीतरह जिसतरह कि आप,
मानो मिल गया हो कोई खजाना
खुशियों का - मुस्कुराहटों का.....
अच्छा लगता है जब कुछ लोग
दिखते हैं एकदम अलग और ख़ास
दिखावटी रिश्तों की भीड़ से
दिखावटी अपनेपन के संसार से
और, ये होते हैं आपके अपने
सच, अपने - बहुत अपने......
- VISHAAL CHARCHCHIT
लौटने पर पता चलता है कि
कुछ लोग हैं जो आपके बिना
उदास थे - परेशान थे - बेहाल थे,
ठीक उसीतरह जिस तरह कि आप
मजबूर थे - लाचार थे - असहाय थे....
अच्छा लगता है जब कुछ लोग
हो जाते हैं बहुत खुश आपको पाकर
ठीक उसीतरह जिसतरह कि आप,
मानो मिल गया हो कोई खजाना
खुशियों का - मुस्कुराहटों का.....
अच्छा लगता है जब कुछ लोग
दिखते हैं एकदम अलग और ख़ास
दिखावटी रिश्तों की भीड़ से
दिखावटी अपनेपन के संसार से
और, ये होते हैं आपके अपने
सच, अपने - बहुत अपने......
- VISHAAL CHARCHCHIT
3 comments:
सच है मन कों ऐसा देख के अच्छा तो बहुत ल्कगता है ... चाहे ऊपर से कुछ भी बोलें ...
बहुत बढ़िया
सादर
बहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी ...
बेह्तरीन अभिव्यक्ति ...!!
शुभकामनायें.
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