हर कोई मुहब्बत का अलग तरीका अपनाता है
जिसका जितना दिमाग है उतना लगाता है,
पहलवान की खोपड़ी पर जब मुहब्बत चर्राती है
प्रेमिका की अक्सर कोई नस उखड जाती है....
प्रेम में डूबा अध्यापक पूरी पीएचडी डालता है
छींके भी प्रेमिका तो व्याख्या कर डालता है....
मुहब्बत में अक्सर डॉक्टर मरीज़ हो जाता है
बात-बात पर खुद को दिन भर आला लगता है....
ज्योतिषी का दिल प्रेम में जब कुलांचे मारता है
प्रेमिका को जुकाम भी हो तो पंचांग निकालता है....
आशिक मिजाज नाई सफाई पे ध्यान लगाता है
ग्राहक पे कम खुद पे ज्यादा उस्तरा फिराता है....
नेता की प्रेमिका का जीवन नर्क हो जाता है
बात हो मौसम की वो लोकतंत्र समझाता है....
अच्छा तो इसतरह इस अध्ययन का
अध्याय यहीं पर समाप्त हो जाता है,
अच्छा लगा हो तो 'चर्चित' का हौसला
बढ़ाना आप सभी का फ़र्ज़ हो जाता है....
- विशाल चर्चित
No comments:
Post a Comment