नववर्ष में आओ हाथ मिलाये
साथ मिलकर चल पड़े
नव उमंग की चाह में
हम बढ़ चले हम चल पड़े ।
सूरज की रौशनी सा
प्रेम भाव ले चले
कदम से कदम मिला
हम बढ़ चले हम चल पड़े ।
आपस का बैर भूलकर
नये गीत गढ़ चले
सफलताऐं साथ लेकर
हम बढ़ चले हम चल पड़े ।
उम्मीदों की किरण जला
मुस्कुराती धूप ले चले
सुख समृद्धि साथ ले
हम बढ़ चले हम चल पड़े ।
जो गया साल पुराना
उसके अनुभव दे चले
नया कुछ पाने की चाह में
हम बढ़ चले हम चल पड़े ।
© दीप्ति शर्मा
1 comment:
bahut sarthak Rachna ...Badhai ....
http://ehsaasmere.blogspot.in/
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