Thursday, January 24, 2013

शांति कहाँ है ?

मोटरों से चीखते
चौराहों के शोर में
दिन के उजाले में
रातों में
और क्षणिक भोर में ....
तनहाई में
नींद में
या बंद आँखों की ओट में  ....
आगे बढ्ने की दौड़ में
आज के इस दौर में
सब कुछ है हर जगह
पर
शांति कहाँ है ?

©यशवन्त माथुर©

1 comment:

प्रवीण पाण्डेय said...

ध्यान लगा कर सुनें तो बस कोलाहल..

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