Saturday, June 15, 2013

दो अंगुलियों के बीच
वो अनुभूति नहीं पनपती
जो तुम्हारे और मेरे बीच
अक्सर पनपा करती है ।
© दीप्ति शर्मा

1 comment:

दिगम्बर नासवा said...

उनमें आँखें काम करती हैं ...

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