Saturday, August 13, 2011

यार मुसद्दी लाले का अब बेटा भी अखबारी है

यार मुसद्दी लाले का अब बेटा भी अखबारी है
छोटे-मोटे छुटभैय्ये सब उसके अब दरबारी हैं
तेल, नमक, साबुन, आटे की कल तक तौलातौली थी
खबरें लेता अब इन सबकी, सब उसके आभारी हैं
काम कलम का पकड़ लिया, पर लिखापढ़ी में मैट्रिक फेल
सड़क नापता था कल तक,अब खबरों पर उपहारी हैं
मोदी का धंधा पुश्तैनी, मंदा-मंदा चलता था
अब खबरों के बल पर जेबें रहती हरदम भारी हैं
मुखिया, नेता, कोतवाल सब, डरते उसकी खबरों से
दो नंबरी ठेकेदारों सी चमकी दुक्कनदारी है
प्रातः दर्शन अगर हुए, तो बकरा बनना तय मानो
जेब भराई नहीं हुयी तो लिख देगा गद्दारी है
ऐरे-गैरे नत्थू खैरे,इन सबका मौसेरा वो
लाला खबरीलाल बना पूरा इंडियन जरदारी है
अपने खबरीलाल का यारों,ये तो था बस ट्रेलर भर
मीडिया में ऐसे लोगों की जगह-जगह भरमारी है
कुंवर प्रीतम

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