Monday, August 15, 2011

गर्जना

न कुचलो हमारी स्वाधीनता को इस तरह,
कि इसके लिए हमने बहुत कुछ सहा है,
खैरात में नहीं मिली है हमे ये आजादी,
कितने कुर्बान हुए हैं और कितनो का लहू बहा है |

प्राणों से भी प्यारी है हमे ये स्वतंत्रता,
रक्षा को इसकी हम जान तक लुटा देंगे,
कोशिश न करना इसे छीनने की हमसे,
सरफिरे हैं तेरा वजूद तक मिटा देंगे |

देश के ठेकेदारों ! वक्त है संभलो,
आँच आये आजादी को वो काम मत करना,
गोरे अंगरेजो को सन ४७ मे भगाया,
साहस न करना,गेहुँए अंगरेज मत बनना |

सवा अरब जनता अगर सनक गई काफिर,
यातनाओ के जवाब मे हम भी दिखा देंगे,
उनको तो हमने बस खदेड़ के था छोड़ा,
गर्जना सुन तेरा नामोनिशान डूबा देंगे |

10 comments:

हरकीरत ' हीर' said...

खैरात में नहीं मिली हमें ये आज़ादी
कितने कुर्बान हुए और कितनों का खून बहा है

बहुत खूब ....
जो शहीद हुए हैं जरा याद करो कुर्बानी .....

ज्योति सिंह said...

खैरात में नहीं मिली हमें ये आज़ादी
कितने कुर्बान हुए और कितनों का खून बहा है
bahut badhiya likha hai ,aapko swatantrata divas ki dhero badhai .

संजय भास्‍कर said...

वाह बेहतरीन !!!!
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं….!

Unknown said...

धन्यवाद हरकीरत जी |

Unknown said...

ज्योति जी आपका आभार |

Unknown said...

संजय जी आपका भी धन्यवाद |
आप तो आजकल ब्लॉग जगत से दूर हैं लगता है | मेरे ब्लॉग में तो आपकी उपस्थिति नगन्य है आजकल |

deepti sharma said...

bahut hi achha likha hai
badhayi

वन्दना अवस्थी दुबे said...

बहुत सुन्दर.
आज़ादी की सालगिरह मुबारक़ हो.

Unknown said...

Dhanyawad deepti ji..

Unknown said...

Vandana ji Bahut bahut dhanyawad..

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