Monday, August 8, 2011

ऐसा हो मेरा दोस्त


दोस्त ऐसा हो जो दिल में बस जाए |
सुरमे की तरहां आँखों में सज जाए ||

जब भी वक़्त दोस्ती का इम्तिहां ले |
वो सोने सा कसौटी पर कस जाए ||




:- शेखर कुमावत


1 comment:

deepti sharma said...

salamat rahe ye dosti
bahut khub

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