Monday, August 8, 2011

मुस्कुरा दिया करना

जिन्दगी रुठी भी रही तो शिकवा नहीं कोई,
बस जब तुझे देखुँ, मुस्कुरा दिया करना;
घाव भर जायेंगे देख कर ही तुझको,
जब पास तेरे आऊँ खिलखिला दिया करना ।

वर्षों की थकान यूँ ही मिट जायेगी,
नींद बनकर थोड़ा सुला दिया करना;
कभी-भी मन जब काठ बन जाये,
इतना एहसान करना,रुला दिया करना ।

समझ न पाऊँ गर दुनिया की रीत,
हौले से बस थोड़ा समझा दिया करना;
नफरत भरी दुनिया में झुलस जाऊँ थोड़ा,
द्वेष की आग को बुझा दिया करना ।

भाग तो रहा हूँ मंजिल की खोज में,
बैठ जाऊँ थककर, उठा दिया करना;
भाग-दौड़ की दुनिया में,जब भागता ही जाऊँ,
प्यार की छाँव में बिठा दिया करना ।

भुल जाऊँ हर जख्म, भुल जाऊँ हर गम,
सर पर बस हाथ फिरा दिया करना;
जुड़ा है तुझसे,हर श्वास, हर खुशियाँ,
बस जब तुझे देखुँ, मुस्कुरा दिया करना ।
 
www.pradip13m.blogspot.com

7 comments:

free google sms said...

जी कभी नहीं rutenge aapki दोस्त or jindagi आप से

free google sms said...

h4harshs@gmail.com

deepti sharma said...

shandar rachna

KUNWAR PREETAM said...

adbhut srijan

Unknown said...

Dhanyawad Deepti ji..

Unknown said...

Aapka bhi dhanyawad Preetam ji..

Chartered Vyas said...

साहनी जी, वाकई लाजवाब है आपकी रचना !

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