Monday, August 8, 2011

ख्वामखा मुझको सताए जा रहे,कोई बात है


दोस्ती काहे जताए जा रहे,कोई बात है ?
इसकी-उसकी क्यों बताए जा रहे,कोई बात है ?
कह दिया मुझको किसी से भी न कोई अब गिला,
ख्वामखा मुझको सताए जा रहे,कोई बात है ?
कुंवर प्रीतम

LinkWithin

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...