जीवनसंगिनी..........
ये एक शब्द मात्र नहीं
बल्कि एक पूरा संसार है
खुशियों का - खुशबुओं का
एहसासों का - मिठासों का
रिश्तों का - नातों का....
जीवनसंगिनी..........
एक संगी - एक साथी ही नहीं
बल्कि एक हिस्सा है
हर सुख - दुःख, हर धर्म - कर्म का
हर बात का - हर विचार का,
हर स्वभाव - हर व्यवहार का....
लेकिन ये सब तब है जबकि
हम इन सब चीज़ों को
मानें - महसूस करें,
ठीक उस तरह जैसे कि
हम एक मूर्ति को
मानें तो ईश्वर नहीं तो पत्थर......
ये एक शब्द मात्र नहीं
बल्कि एक पूरा संसार है
खुशियों का - खुशबुओं का
एहसासों का - मिठासों का
रिश्तों का - नातों का....
जीवनसंगिनी..........
एक संगी - एक साथी ही नहीं
बल्कि एक हिस्सा है
हर सुख - दुःख, हर धर्म - कर्म का
हर बात का - हर विचार का,
हर स्वभाव - हर व्यवहार का....
लेकिन ये सब तब है जबकि
हम इन सब चीज़ों को
मानें - महसूस करें,
ठीक उस तरह जैसे कि
हम एक मूर्ति को
मानें तो ईश्वर नहीं तो पत्थर......
3 comments:
sach kaha aapne,
बिलकुल सही कहा है आपने सब कुछ अपने पर ही होती है
आप भी मेरे फेसबुक ब्लाग के मेंबर जरुर बने
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MADHUR VAANI
BINDAAS_BAATEN
MITRA-MADHUR
behtreen rachna
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