Tuesday, September 13, 2011

तुमने बड़ी देर कर दी


तुमने बड़ी देर कर दी.....तुमने बड़ी देर कर दी... 
सावन- भादो गुजर गया नयन अश्रु रस भर दी... 
तुमने बड़ी देर कर दी.... तुमने बड़ी देर कर दी ...
 
मैं तो आस लगा बैठी थी आओगे तुम साजन,
कसमो से रस्मो से मुझको बहलाओगे साजन,
अब तो हार चूका अम्बर भी, धरती सुनी कर दी....
तुमने बड़ी देर कर दी....तुमने बड़ी देर कर दी...   

मेहँदी, हल्दी बिफर पड़ी और बिंदिया रोने लग गयी,
तेरी राह को तकते -तकते सांसे सोने लग गयी,
पर आँख बेचारी तुम्हे ही ढूंढे, तुमने जो झर-झर दी....
तुमने बड़ी देर कर दी....तुमने बड़ी देर कर दी... 

तेरी विरह से तड़प उठा मन भी अब टूट चूका है,
बुद्धि यही कहती है दिल से साजन रूठ चूका है,  
रूहे मेरी खुदा से पूछे, क्यों इतनी बेदर्दी...
तुमने बड़ी देर कर दी...तुमने बड़ी देर कर दी.... 

क्यों इतनी दिल -लगी बढाई क्यों इतनी मुस्काई,
अब रोने के बाद सोचती क्यों ये प्रीत लगाई,
फिर भी "अर्पित" सबको बोले, पहन लो इश्क की वर्दी.... 
तुमने बड़ी देर कर दी...तुमने बड़ी देर कर दी ....

सावन- भादो गुजर गया नयन अश्रु रस भर दी... 
तुमने बड़ी देर कर दी.... तुमने बड़ी देर कर दी ...- अर्पित 

2 comments:

SANDEEP PANWAR said...

बेहद ही अच्छी रचना।

Unknown said...

Bahut Badhiya Arpita Ji.. Bhaskar Ji ko bhi badhai..

LinkWithin

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...