दुश्मनों को एहसास-ए-मुहब्बत न बख्शो
इतनी दरियादिली अच्छी नहीं होती
सिर्फ अपने ही काम आते हैं मुसीबत में
उनकी नफरत मुहब्बत से कम नहीं होती.....
इतनी दरियादिली अच्छी नहीं होती
सिर्फ अपने ही काम आते हैं मुसीबत में
उनकी नफरत मुहब्बत से कम नहीं होती.....
2 comments:
बहुत बढ़िया.
किसी मुक़म्मल शायर ने कहा था कि जीत ली जाती है हर जंग बिना तलवारों और कटार के...क्या टेकेगा घुटने दुश्मन पुरज़ोर मोहब्बत के वार के....पर आप की चन्द लाईनों ने इस अहसास के माएने ही बदल दिये...अच्छी कोशिश.......
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