एक नया सूर्य बन
कर प्रकाशित तू गगन
मन में नव उमंग भर
कर प्रयास तू सघन....
लक्ष्य पर रहे निगाह
मन में बस एक चाह
बन कठोर चल सतत
पकड़ कर बस एक राह....
नव दिशा में कूच कर
जीत ले नया शिखर
उन्नति-यश-कीर्ति का
अब तू शंखनाद कर....
अडचनें तू लांघ जा
बाधाओं के पार जा
देख खडा स्वागत में
एक नव प्रभात जा....
1 comment:
प्रेरित करती कविता, हर दिन उजियारे से भरा हो।
Post a Comment