Friday, March 30, 2012

creation 10th class
दुनिया की भीड़ से
कोई पुकार कर रहा है
ऐसा लगता है कि हमें
कोई याद कर रहा है
दिल के गुलशन को
आबाद कर रहा है
अकेले हैं दुनिया में
ये जानकर कोई
दरियाफ्त कर रहा है
साहिलों में खड़े हो
कोई लहरों पर हमारा
इंतज़ार कर रहा है ।
© दीप्ति शर्मा

2 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

बहुत सुन्दर कविता..

deepti sharma said...

sukriya praveen ji

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