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Monday, February 25, 2013
जिंदगी
कभी हँसाती है
कभी रुलाती है जिंदगी
बेवजह कुछ ख्वाब
सजाती है जिंदगी
तिल तिल कर जीने वालों को
एक नज़र दिल से तो देखो
फाँका मस्ती में
बेहयाई से मुस्कुराती है जिंदगी ।
©यशवन्त माथुर©
1 comment:
प्रवीण पाण्डेय
said...
अपने रंग में जिये जिंदगी..
February 25, 2013 at 9:25 AM
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अपने रंग में जिये जिंदगी..
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