Thursday, May 16, 2013

रेखाएँ


हाथ की कुछ रेखाएँ
अब गहरी हो गयी हैं
ना जाने ये
किस बात का अंदेशा है
नये जीवन के आगमन का
या इस जीवन की मुक्ति का

-दीप्ति शर्मा

1 comment:

दिगम्बर नासवा said...

गहरी अर्थपूर्ण पंक्तियाँ ...

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