Wednesday, July 17, 2013

दीवार पर टँगे
कैनवास के रंगों को
धूल की परतें
हल्का कर देती हैं
पर जिंदगी के कैनवास
पर चढ़े रंग
अनुभव की परतों से
दिन प्रति दिन
गहरे होते जाते हैं ।
© दीप्ति शर्मा

2 comments:

दिगम्बर नासवा said...

सच कहा है ... निशान गहरे हो जाते हैं समय के साथ ...

Madan Mohan Saxena said...

बहुत सुन्दर .धन्यवाद
http://saxenamadanmohan.blogspot.in/

LinkWithin

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...