एक परिधि में घूमते दो नाम अपनी समान त्रिज्याओं के साथ प्रतीक्षा -रत हैं केन्द्र तक पहुँच खुद के अस्तित्व को एक दूसरे में समाने को । © दीप्ति शर्मा
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