कामकाज छोड़ के
दिनोरात लगे रहे,
पंजा हो या झाड़ू
गला सबका कसे रहे..
हर गली - कूचे में
बम - बम किये रहे,
पप्पू और जीजा की
नाक में दम किये रहे...
हाथी को पिन मारा
साइकिल पंक्चर,
लालटेन बुझ गई
फूंके ऐसा मन्तर...
टीवी हो या पेपर
सबको पछाड़ दिया,
कोई खबर आयी नहीं
मोदी सा दहाड़ दिया...
जनता के घाव पर
मरहम लगाया किये,
उल्टा सीधा बोल के भी
जोश बढ़ाया किये...
मोदी खुद सोच में
कि कैसे चमत्कार हुआ,
इतना बड़ा सपना
कैसे साकार हुआ...
जय हो प्यारे भोंपुओं
तुमको नमन है,
तुमपे एक चालीसा
लिखने का मन है....
- विशाल चर्चित
2 comments:
चालीसा नहीं पुराण लिखा जा सकता है
आखिर हुआ तो है ही...बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आपको बहुत बहुत बधाई...
नयी पोस्ट@आप की जब थी जरुरत आपने धोखा दिया (नई ऑडियो रिकार्डिंग)
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