Thursday, July 31, 2014

मर्यादाओं की कोख से जन्मी
आभासी दुनिया के सच को
मुखरित कर अहसास में बदलती
एक अन्तहीन आवाज़ हूँ मैं ।
- दीप्ति शर्मा

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