Saturday, August 20, 2011

तिरंगे की लाज बचाओ यारो

हिंद की ताकत का दम उठाओ यारो,
कदम बढाओ.. ताल मिलाओ यारो....

बहुत हो चूका, बहुत सह लिया,
अब तलवार-ऐ-जुनूं चमकाओ यारो....

देश को लूटना फितरत है जिनकी, 
उन्हें सलाखों की दीद कराओ यारो...

नफरतो के लश्कर तो बर्बाद कर देंगे,
पताका-ऐ-इश्क फ़हराओ यारो ...

फ़क़त एक ही आदमी कब तक लडेगा,
सब मिलकर हाथ बढाओ यारो....

कुछ लोग जो ईमान से भटक चुके है,
उन्हें सच्ची राह दिखाओ यारो ....

अत्याचारी, भ्रष्टाचारी, से ना भरो पेट,
अपने जमीर को फिर से जगाओ यारो...

गर दुनिया के दलालों से फुर्सत मिले तो,
कभी खुदा के दर पे सर झुकाओ यारो...

ये जो आस्तीनों में साँप लिए फिरते हैं,
इन्हें शहादत का चेहरा दिखाओ यारो ....

बहुत मैला हो गया भारत माँ का आंचल,
भ्रष्ट डाकुओं का दामन हटाओ यारो ...

यहाँ जुगनुओ की रौशनी से कुछ नहीं होगा,
मोहब्बत का इक चिराग जलाओ यारो ...

ये सियासत के लोग क्या देंगे हमे,
इन्हें कभी भी मुंह ना लगाओ यारो......

मेरी कलम ये कहकर रो पड़ी आज फिर,
तिरंगे की लाज बचाओ यारो .... - अर्पित
 

1 comment:

केवल राम said...

जोश का प्रवाह करती शब्द रचना .....!

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