हिंद की ताकत का दम उठाओ यारो,
कदम बढाओ.. ताल मिलाओ यारो....
कदम बढाओ.. ताल मिलाओ यारो....
बहुत हो चूका, बहुत सह लिया,
अब तलवार-ऐ-जुनूं चमकाओ यारो....
अब तलवार-ऐ-जुनूं चमकाओ यारो....
देश को लूटना फितरत है जिनकी,
उन्हें सलाखों की दीद कराओ यारो...
उन्हें सलाखों की दीद कराओ यारो...
नफरतो के लश्कर तो बर्बाद कर देंगे,
पताका-ऐ-इश्क फ़हराओ यारो ...
पताका-ऐ-इश्क फ़हराओ यारो ...
फ़क़त एक ही आदमी कब तक लडेगा,
सब मिलकर हाथ बढाओ यारो....
सब मिलकर हाथ बढाओ यारो....
कुछ लोग जो ईमान से भटक चुके है,
उन्हें सच्ची राह दिखाओ यारो ....
उन्हें सच्ची राह दिखाओ यारो ....
अत्याचारी, भ्रष्टाचारी, से ना भरो पेट,
अपने जमीर को फिर से जगाओ यारो...
अपने जमीर को फिर से जगाओ यारो...
गर दुनिया के दलालों से फुर्सत मिले तो,
कभी खुदा के दर पे सर झुकाओ यारो...
कभी खुदा के दर पे सर झुकाओ यारो...
ये जो आस्तीनों में साँप लिए फिरते हैं,
इन्हें शहादत का चेहरा दिखाओ यारो ....
इन्हें शहादत का चेहरा दिखाओ यारो ....
बहुत मैला हो गया भारत माँ का आंचल,
भ्रष्ट डाकुओं का दामन हटाओ यारो ...
भ्रष्ट डाकुओं का दामन हटाओ यारो ...
यहाँ जुगनुओ की रौशनी से कुछ नहीं होगा,
मोहब्बत का इक चिराग जलाओ यारो ...
मोहब्बत का इक चिराग जलाओ यारो ...
ये सियासत के लोग क्या देंगे हमे,
इन्हें कभी भी मुंह ना लगाओ यारो......
इन्हें कभी भी मुंह ना लगाओ यारो......
मेरी कलम ये कहकर रो पड़ी आज फिर,
तिरंगे की लाज बचाओ यारो .... - अर्पित
तिरंगे की लाज बचाओ यारो .... - अर्पित
1 comment:
जोश का प्रवाह करती शब्द रचना .....!
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