सुबह से मोबाइल पर लगातार संदेश आ रहे हैं
सारे शहरी,पढ़े-लिखे लोग दोस्ती जता रहे हैं
ईमेल और फेसबुक पर तो गजब की है हालत
दोस्ताने के इजहार की सबको पड़ रही जरूरत
सलामत रहे दोस्ताना हमारा जैसे संकल्प लिए जा रहे हैं
और हम भी सेम टू यू लिखकर दोस्ती निभा रहे हैं
सुबह से शामतलक, धूंआधार चल रहा है यह क्रम
मतलबी और सच्चे दोस्त का बना हुआ है भ्रम
पर बचपन के एक मित्र ने नहीं मनाया दोस्ती का त्योहार
मोबाइल, ईमेल या फेसबुक- कहीं भी नही था वो यारबचपन का वो मित्र,खेती करता है अपने गांव
वो जानता है, दोस्ती नहीं है दिखावे का दांव
बगैर एसएमएस के, दोस्ती का दिला दिया विश्वास
हां बटेश्वर, तुम्हारी दोस्ती से बड़ा नहीं है आकाश
मित्रों, सच्ची दोस्ती का भी कोई इम्तिहान होता है ?
जो दिल में बसा है वो दोस्त क्या, भगवान होता है.
कुंवर प्रीतम
3 comments:
sundar prastuti
aapka swagat hai
एक शाम मित्रता के नाम ... ( हमारे अभिन्न मित्र ) " Friend-ship Day " .......>>> संजय कुमार
bahut khub
waah waah bahut khub
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