Monday, September 12, 2011


मुहब्बत में महक गुल की,इसे तुम खार मत करना
नसीबों से मिला प्रीतम,उसे लाचार मत करना
मिटाना हो मिटा देना,मगर इतना कहा सुन लो
कुंवर की चाहतों को भूल कर अखबार मत करना
कुंवर प्रीतम

1 comment:

Ankit pandey said...

हकीकत बयान करती यह पोस्ट अच्छी लगी...शुभकामनायें !!

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