1.तेरे मना करने पर ,
तेरा नाम नहीं बताया मैंने ,
ना किसी के बहकाने पर ,
ना किसी के धमकाने पर ,
वो तो महफ़िल में दोस्तों ने इतनी पिला दी
के नशे में सच्चाई लबो पर आ गई .
2 .सिर्फ प्यार का इज़हार ही तो किया था हमने ,
उसने गुस्ताखी मान ली ,
उसके चेहरे के तारीफ़ ही तो करी थी हमने ,
उसने तो हमें साकी समझ लिया
3 .हर मुश्किल आसन होगी ,
जब होसलो की उड़ान होगी
तुफानो से भी निकल लायेंगे कश्ती
अगर हिम्मत साथ होगी
(चिराग )
2 comments:
खूबसूरत कविता
तारीफ के लिए हर शब्द छोटा है - बेमिशाल प्रस्तुति - आभार.
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