मोहब्बत भी अज़ीब हैं....
उसकी मुस्कान से हो जाती हैं
और उसकी आंखो मे खो जाती हैं
उसकी मुस्कान से हो जाती हैं
और उसकी आंखो मे खो जाती हैं
मोहब्बत भी अज़ीब हैं....
दिल की सुन लेती हैं
ख्वाब बुन लेती हैं
दिल की सुन लेती हैं
ख्वाब बुन लेती हैं
मोहब्बत भी अज़ीब हैं....
लफ्जो का सहारा लेती हैं.
और लबो को बंद कर देती हैं.
मोहब्बत भी अज़ीब हैं....
(चिराग)
लफ्जो का सहारा लेती हैं.
और लबो को बंद कर देती हैं.
मोहब्बत भी अज़ीब हैं....
(चिराग)
13 comments:
सो तो है...
मगर बड़ा हसीं एहसास है मोहब्ब्त..
और आपकी रचना भी..
sundar rachna
@vidya thanks ..for appreciation
@sanjay
thanks bhai
सच है, अजब है मुहब्बत..
ishk ne hame kahi ka nahi chhoda phir bhi ishk ko hamne kabhi nahi chhoda .kyonki ye ek pavan ahsaso ki kahani hai ,isliye adbhut hai ,sundar .
bahut achchi likhi hai.....
मोहब्बत पर टिप्पणी करना आसान नहीं लेकिन आपकी रचना यह कर रही है. मैं आपकी पोस्ट पर टिप्पणी करके संतुष्ट हो रहा हूँ.
और इस अजीब चीज का नशा ही कुछ और है ..
बहुत बढ़िया प्रस्तुति ..
वाह...वाह...वाह...
सुन्दर प्रस्तुति.....बहुत बहुत बधाई...
यह क्रम अनवरत गतिमान है...
अच्छी कविता।
Ya sure...i'll remove it...but i didnt found you on my followers list.....??
अच्छा लिखा है आपने
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