शायद !
बहुत सुन्दर . बक्त की रफ़्तार का कुछ भी भरोसा है नहींकल तलक था जो सुहाना कल बही विकराल हो ...
बहुत बढ़िया
good effort .
संक्षेप बहुत कुछ कहती पंक्तियाँ
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5 comments:
शायद !
बहुत सुन्दर .
बक्त की रफ़्तार का कुछ भी भरोसा है नहीं
कल तलक था जो सुहाना कल बही विकराल हो ...
बहुत बढ़िया
good effort .
संक्षेप बहुत कुछ कहती पंक्तियाँ
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